बुधवार, 2 जून 2010

अंतर

शिष्य ने गुरु से पूछा, गुरूजी संसार की सभी नदियाँ सागर में जा मिलती है , फिर भी सागर का पानी खारा होता है , क्यों? जब कि नदी का पानी मीठा होता है!
गुरु ने कहा, "सागर लेता ही लेता है, देता एक बूंद भी नहीं! जो केबल संचय करता है, उसमें मिठास नहीं होती !" शिष्य ने फिर पूछा, कहते हैं की सागर का पानी सोख कर ही बादल पानी बरसाता है! तो फिर आप यह कैसे कहते है ! कि बह एक बूंद भी नहीं देता ?
गुरु ने समझाते हुआ कहा, बत्श! छीने जाने और देने में बहुत अंतर है! तुम्हारा धन या सामान कोई छीन ले, तो बह देना नहीं हुआ ! देने की भाबना से दिया गया ही देना होता है!"


"" दान का फल मीठा होता है ! ""

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