मंगलवार, 15 जून 2010

अंतिम शिक्षा

गध का राज कुमार एक ऋषि के आश्रम
में शिक्षा प्राप्त कर रहा था ! गुरु और शिष्य
एक दिन भिक्षा मांग रहे थे कि गुरु कि छड़ी
निचे गिर गई ! राजकुमार छड़ी उठाने के
लिए झुका ! गुरु जी ने उसकी पीठ पर लात
से तीब्र प्रहार किया ! प्रहार का कारण पूछने
पर गुरु जी बात टाल गए ! लेकिन यह बात
राज कुमार के दिल में कांटे कि तरह चुभती
रही ! कुछ समय बाद राज कुमार राजा बना
तो उसने महात्मा को बुला कर बिना बजह
पीटने का कारन पूछा ! तब महात्मा बोले,
हे राजन, तुम्हे मैंने बिना कारण दंड दिया,
जिसकी याद तुम्हे अब भी सता रही है !
गलती करने बाला अपना दंड भूल जाता
है ! पर निर्दोष अपने दंड को नहीं भूलता !
अत: कभी किसी निर्दोष को मत सताना !
यही मेरी अंतिमशिक्षा है !
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"" शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान नहीं कर्म होता है | ""
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